Prime Minister’s Office of India

05/22/2022 | Press release | Distributed by Public on 05/22/2022 05:33

Text of PM's interaction with Indian badminton contingent for Thomas and Uber Cup

Prime Minister's Office

Text of PM's interaction with Indian badminton contingent for Thomas and Uber Cup

Posted On: 22 MAY 2022 4:04PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री जी : हां श्रीकांत बताइए!

श्रीकांत :Sir, first of allबहुत बहुत thank you sir, आपने आपके इतनाimportant timeसे हमकोtime ले के हमारे मैच के बाद तुरंत आपनेcall करके हम सबसे बात किया है सर and I can very proudly say that no other athlete in the world can boost about this sir, only we have this privilege of talking to you immediately after the win Sir.

प्रधानमंत्री जी : अच्‍छा श्रीकांत ये बताओ, वैसे बैडमिंटन और कप्‍तान लोगों के दिल में जल्‍दी बैठता नहीं है, अब तुम्‍हें कप्‍तान बनाया गया, अब इतनी बड़ी टीम, इतना बड़ा चैलेंज, क्‍या लगा आपको येresponsibility को जब आपके सामने आया और इतना बड़ा target था तो क्‍या लगा आपको?

श्रीकांत : सर बस इतना ही लगा कि सब अपना-अपना बहुत अच्‍छा खेल रहे हैं सर। बस टीम इवेंट में सबको एक साथ ले के आना है और हम सब एक हो के खेलना है औरend तकfight करना हैSir. इतना बस एक छोटा-छोटा चीज है सर जो हम सारे प्‍लेयर्स मिल केdiscuss करके, बस ये करना पड़ा सर बस मुझेcaptain हो के इतना बड़ा कुछ करनानहीं पड़ा सर क्‍योंकि सब अपना-अपनाalready बहुत अच्‍छा खेल रहे हैं सर।

प्रधानमंत्री जी : नहीं, नहीं! सबने खेला तो है लेकिन ये मामूली काम नहीं था जी। आप भले ही सरलता से बता रहे हो क्‍योंकि एक स्‍टेज आने के बाद जब लग रहा है कि सामने है मामला, जब लास्‍ट ओवर में क्रिकेट मेंcaptain की बड़ी सबसे ज्‍यादा कसौटी हो जाती है तो आप पर दबाव तो रहा होगा।

श्रीकांत : सर मतलब बहुत एकprivilege है मेरे को फायनल में वो पूरा मैच last decider winning moment, मैंactually खेल पाया सर जो मैच बहुतimportant थाIndian teamके लिए finals में वोactually मेरे को एकprivilege करके मैं सोचता हूं सर औरIndia के लिए एकopportunity था मेरे लिए और मैंने बस ये सोचा कि मैंने पूराeffort लगा के मेराbest badmintonखेलना चाहता था और मैं बस कोर्ट में, जिस समय मैं कोर्ट में उतरा बस ये सोचा कि मैं 100% खेलना है औरbest badmintonखेलना है सर।

प्रधानमंत्री जी : अच्‍छा आप विश्‍व बैंकिंग में नंबर 1रहे हैं और अभी आपनेThomas Cup मेंGold Medalजीता है, वैसे पूछना तो नहीं चाहिए क्‍योंकि हर सफलता की अपनी एक विशेषता होती है, फिर भी जैसे पत्रकारों को आदत होती है वैसा सवाल मैं अगर पूछूं कि इन दोनों में आप किस चीज को ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण मानते हैं?

श्रीकांत : सर ये दोनों मेराdreams हैं सर कि वर्ल्‍ड नंबर 1बनना है क्‍योंकि वोevery player का एकdream होता है सर कि वर्ल्‍ड में बेस्‍ट बनना है औरThomas CupऐसाTournament है जो टीम 10 लोग मिल के एक टीम जैसे बन के खेलना है। ये एकdream है सर क्‍योंकि इसके पहलेIndia Thomas Cupमें कभी हम मेडल भी नहीं जीते हैं सर और हमको इस साल ये एक बड़ाopportunity था क्‍योंकि हम सब अच्‍छा खेल रहे थे। तो ये दोनोंdream हैं सर दोनोंfulfill हुआ sir मेरे लिए तो बहुत अच्‍छा लगा सर।

प्रधानमंत्री जी : ये बात सही है कि पहलेThomas Cup में हम इतने पीछे रहते थे कि देश में इस प्रकार केTournament की चर्चा भी नहीं होती थी। लोगों को पता भी नहीं होता था कि कोई इतनी बड़ीTournament हो रही है और इसलिए जब लोगों को खबर पहुंची तो मैंने आपको फोन पर भी कहा था कि शायद हिन्‍दुस्‍तान में 4-6घंटे लगेंगे कि आप लोगों ने क्‍या प्राप्‍त किया है। अच्‍छा श्रीकांत मैं पूरे देश की तरफ से आपको और आपकी टीक को बहुत बधाई देता हूं क्‍योंकि दशकों बाद आपने भारत का झंडा गाड़ा है ये, ये छोटी घटना नहीं है जी।

श्रीकांत :Thank you Sir!

प्रधानमंत्री जी : एक खिलाड़ी के तौर पर और उसमें भी एक कप्‍तान के तौर पर लास्‍ट मोमेंट कितना प्रैशर रहा होगा, इसका मैं भलीभांति अंदाज कर सकता हूं लेकिन बड़े धैर्य के साथ पूरी टीम को साथ लेकर के आपने जो देश को गौरव दिलाया है, मैं आपको फिर से एक बार टेलिफोन पर तो बधाई दी थी लेकिन मैं फिर से एक बार रूबरू में बधाई देकर के खुद आनंद ले रहा हूं।

श्रीकांत :Thank you Sir!

प्रधानमंत्री जी : जरा खेल के विषय में बताइए। अपना अनुभव बताइए।

सात्‍विक :Definitely! पिछले 10 दिन बहुतmemorable था सर लाइफ में। जैसे हमon courtमें खेला, off court में भी बहुत अच्‍छा सपोर्ट कर रहा था पूरा टीम, बहुत memorable था, बहुत सपोर्ट मिला सपोर्ट स्‍टाफ से और इधर सेIndia से भी बहुत सपोर्ट मिला था और बहुत अच्‍छा लगा सर पिछले दिनों। अभी भी हम लोग उधर हीThailand में ही हैं अभी भी हम।Body इधर है लेकिनmind उधर ही है वो लास्‍ट पॉइंट में जैसे श्रीकांत भाई जी था आंख पर ही है सर अभी भी तो हम वो मोमेंटstill enjoyकर रहे हैं सर।

प्रधानमंत्री जी : रात मेंCaptain डांटता हुआ दिखता होगा।

सात्‍विक : सर फाइनल्‍स के बाद सब लोग मेडल पहनकर ही सोया सर। कोई भी उतारा नहीं।

प्रधानमंत्री जी : मैंने किसी का ट्वीट देखा, शायद प्रणय का देखा। प्रणय वो लेकर के बैठा है और कह रहा है मुझे नींद नहीं आ रही है। अच्‍छा खेलने के बाद आप वीडियो देखकर के क्‍या कमी रही वगैरहverify कर लेते हैं दोनों मिलके।

सात्‍विक : हां सर कोच के साथ बैठ के मैच के पहले कल किस के साथ खेल रहे हैं उनका गेम पूराanalyse करके जाते हैं सर।

प्रधानमंत्री जी : चलिए सात्‍विक आपकी सफलता ने न सिर्फ ये साबित किया है किे आपके कोच सही थे बल्‍कि ये भी साबित किया है कि आप स्‍वयं में एक बहुत अच्‍छे खिलाड़ी हैं और अच्‍छा खिलाड़ी वो है जो अपने आप को खेल की जरूरत के हिसाब से तैयार करता है, उसमें ढालता है, बदलाव है तो स्‍वीकार करता है, तभी तो वो प्राप्‍त कर सकता है और आपने उस बदलाव को स्‍वीकार किया है। अपने आप कोgrow करने के लिए जो भी जरूरत थी और आज इसका परिणाम है कि देश को गर्व हो रहा है। मेरी तरफ से आपको बहुत शुभकामनाएं हैं। आप आगे बहुत कुछ करना है, रूकना नहीं है। इतनी ही शक्‍ति के साथ जुटे रहिए, बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

उद्घोषक : चिराग शेट्टी

प्रधानमंत्री जी : देखो चिराग सात्‍विक ने तुम्‍हारी तारीफ बहुत कर दी है।

चिराग शेट्टी : सर नमस्‍ते सर पहली बात! I think सर मुझे अभी भी याद है लास्‍ट इयर हम आए थे यहां पर। आपने हमको ऑलम्‍पिक्‍स के बाद बुलाया था, 120 athletes थे और सभी को आपने अपने घर पर बुलाया था और जो मेडल नहीं जीते थे वो भी आए थे यहां पर, तो हमें काफी दुख था तभी कि हम मेडल जीत नहीं पाए अपने देश के लिए but अभी इस बार जभी हमThomas Cupगए थे, हमें एक ये था कि जूनून था कि एक जज्‍बा था, पता नहीं क्‍या था कि कुछ तो करके एक मेडल तो पक्‍का ले के आना है और शायद ही हमने सोचा होगा कि गोल्‍ड होगा, but मेडल तो सोचा ही था तो I think इससे बड़ी खुशी हम अपने देश के लिए कुछ नहीं दे सकते, वो ही एक चीज कहना चाहता हूं मैं सर।

प्रधानमंत्री जी : देखिए आप लोग आए थे उस समय, उसमें से मैं देख रहा था कुछ लोगों के चेहरे बहुत लटके हुए थे और आपके मन में ये था कि देखिए हम मेडल के बिना आ गए। लेकिन उस दिन भी मैंने कहा था कि आपका वहां पहुंचना वो भी एक मेडल है, मैंने उस दिन कहा था और आज आपने सिद्ध कर दिया कि एक पराजय पराजय नहीं होता है, जिन्‍दगी में जीत के लिए बस हौंसला चाहिए, जज्‍बा चाहिए, जीत कदम चूमने के लिए कभी-कभी सामने आकर के खड़ी हो जाती है और आपने करके दिखाया है। अच्‍छा चिराग मैंनेसा‍थी को तो पूछा पहले और उसने बता भी दिया लेकिन आप दोनों की जोड़ी और मुझे मालूम है कि Tokyo Olympic में आपके मन में एक उदासीनता थी लेकिन आज आपने उसको ब्‍याज समेत भरपाई कर दिया। देश की शान को और बढ़ा दिया और एक टीम के तौर पर आप लोगों ने प्रयास किया है और मैं समझता हूं कि अपने आप में लेकिन जब क्‍योंकि Olympic में निराशा का दिन कोई ज्‍यादा दिन नहीं गए, इतने कम समय में वो कौन सा जज्‍बा था कि आप विजयी प्राप्‍त करके फिर से लौटे हैं, क्‍या कारण हुआ?

चिराग शेट्टी :Sir mainlyथा कि हमेंOlympics में जैसे मैंने बोला कि हमको बहुत काफी दुख था क्‍योंकि जिसने हमको, हमने जिसको हराया वहींeventually जा के गोल्‍ड मेडल जीता और हमसे ही हारे थे वो एक ही गेम, बाकि किसी से हारे नहीं थे उसके बाद। तो इस बार कुछ उल्‍टा हुआ, हम उनसे हारेPre Quarter Final Group Stageमें और हम जाकर वहां पर गोल्‍ड मेडल जीत गए। तो वो एक चीज काफी अच्‍छी हुई। वो किस्‍मत का खेल कहिए या कुछ कहिएbut मतलब हमेंliterally एक जोश आ गया कि कुछ न कुछ तो करना है और ये सिर्फ मेरे में नहीं, हम 10लोग जो ये बैठे हैं यहां पर कितना भी दुख हो कुछ भी हो हम एक साथ थे और मुझे लगता है कि ये 10लोग हमारी भारत की जनसंख्‍या कोactually दिखाता है कि कुछ भी हो हम लोग fight back करेंगे।

प्रधानमंत्री जी : वाह! देखिए चिराग आपको और पूरी टीम को मैं कहूंगा और भी बहुत मेडल लाने है। और बहुत खेलना है, बहुत खिलना भी है और देश को खेल की दुनिया में खींच के ले भी जाना है क्‍योंकि अब भारत अब पीछे नहीं रह सकता है और मैं चाहूंगा कि आप लोग जो एक के बाद एक विजयी प्राप्‍त कर रहे हैं देश की आने वाली पीढ़ी को खेल के लिए प्रेरित कर रहे हैं आप और ये अपने आप में मैं समझता हूं कि बहुत बड़ी बात है तो मेरी तरफ से आपको बहुत शुभकामनाएं हैं दोस्‍त।

चिराग शेट्टी :Thank you so much Sir.

उद्घोषक : लक्ष्‍य सेन

प्रधानमंत्री जी : चलिए लक्ष्‍य का मैं पहले तो आभार व्‍यक्‍त करता हूं क्‍योंकि मैंने उसको टेलिफोन पर कहा था बधाई देते समय कि भई मैं तेरे से बाल मिठाई खाऊंगा और वो आज लेकर के आया, तो उसने याद रखा। हां, लक्ष्‍य बताइए।

लक्ष्‍य सेन : जी नमस्‍ते सर! मैं जैसे मैं यूथ ओलंपिक में जब मैं गोल्‍ड मेडल जीता था तब मैं आपसे मिला था और आज दूसरी बार मिल रहा हूं तो मैं यही कहना चाहूंगा कि मैं ऐसे ही और मतलब जब आप मिलते हैं तो हमारा काफी हम लोगmotivated feel करते हैं। वो फोन कॉल के बाद भी और जब आप जब भी आप मिलते हैं तो मैं यही चाहूंगा कि मैं ऐसे ही India के लिए मेडल जीतता रहूं और आपसे मिलता रहूं और बाल मिठाई लाता रहूं।

प्रधानमंत्री जी : अच्‍छा लक्ष्‍य मुझे बताया गया कि तुम्‍हें food poisoning हो गया था वहां?

लक्ष्‍य सेन : जी सर! हम जब पहुंचे थे जिस दिन उस दिन मेरे कोfood poisingहुआ था तो मैं दो दिन के लिए नहीं खेल पाया थाbut फिर उसके बाद मैं धीरे-धीरे जबGroup Stage केmatches स्‍टार्ट हुए तब तक थोड़ाbetter feelकर रहा था तो फिर एक मैच खेला था फिर एक मैच में फिर से rest किया था due to food poising.

प्रधानमंत्री जी : ये कुछ भी खाने की आदत है कि क्‍या है?

लक्ष्‍य सेन : नहीं सर! वो एयरपोर्ट पर कुछ गलत खा लिया था उस दिन तो शायद उसकी वजह से थोड़ा पेट खराब हो गया था but बाकी के जबtournament आगे बढ़ा तो मैं और दिनभर मतलब एक के बाद एक दिनbetter feelकरता जा रहा था।

प्रधानमंत्री जी : तो आज देश में छोटे छोटे बच्चों का भी मन करता है की हमें जाना है। तो 8-10 साल के बच्चों के लिए तुम्हारा क्या संदेश रहेगा?

लक्ष्‍य सेन : जी, जैसे की विमल सर ने कहा कि मैं काफी शरारती था और काफी शरारत करता था, तो मैं खुद से तो ये कहना चाहूंगा कि मैं अगर थोड़ा कम शरारत करता और खेलने पर ध्यान देता तो ज्यादा अच्छा था but बाकी लोगों को मैं यही कहना चाहूंगा कि जो भी काम करें दिल से करें और अपना पूरा ध्यान लगा के काम करें।

प्रधानमंत्री -Food poisoningहोने के बाद फिजिकल तकलीफ तो हुई होगी लेकिन मानसिक तकलीफ तुम्‍हें बहुत हुई होगी। क्‍योंकि खेल चलता हो, शरीर साथ न देता हो, उस समय तुमने जो बैलेंस रखा होगा ना, कभी आराम से सोचना कि वो कौन सी ताकत थी, वो कौन सी ट्रेनिंग थी किfood poisoningके कारण, physical weaknessके बावजूद भी खेल तुम्‍हें चैन से बैठने नहीं देता था। और तुमfood poisoningकी स्थिति को भी पार करके आए। उस पल को एक बार फिर से याद करना, तुम्‍हारी बहुत बड़ी वो ताकत होगी जो तुमने किया होगा। दस लोगों ने कहा होगा, चिंता मत करो, सब हुआ होगा, लेकिन तुम्‍हारे भीतर भी एक ताकत होगी। और मैं समझता हूं कि, और दूसरा ये तुम्‍हारा जो नटखटपन है ना छोड़ो मत इसको, वो तुम्‍हारी जिंदगी की एक ताकत भी है। इसे जीओ, मस्‍ती से जिओ। चलिए, बहुत-बहुत बधाई।

हां प्रणय, बताइए मैंने सही कहा ना, तुम्‍हारा ही ट्वीट था ना।

प्रणय - हां सर, मेरा ही ट्वीट था, सर।Sir, it's been a very happy moment for all of us because we won the Thomas Cup after 73 years and I think even more proud moment because we could win it for our country on our 75 year of Independence. So I think that's a great gift for the country and I am very happy.

प्रधानमंत्री - अच्‍छा प्रणय, मलेशिया, डेनमार्क ऐसी-ऐसी टीमें हैं। और उसके खराब क्‍वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में निर्णायक मैचों में जीतने का दारोमदार और मैं समझता हूं कि उस समय सबकी नजरें प्रणय पर होंगी, क्‍या रहा होगा। उस प्रेशर में कैसे अपने-आप को संभाला और कैसेaggressive resultदिया।

प्रणय - सर, काफी ज्‍यादा ही प्रेशर था, सर, उस दिन। स्‍पेशिली क्‍वार्टर फाइनल्‍स के दिन। क्‍योंकि मुझे पता था कि अगर मैं ये मैच हार जाऊंगा तो हमको मैडल नहीं मिलेगा और लोगों कोwithout medalवापस आना पड़ेगा। But वो जो टीम का स्पिरिट था सर, entire tournamentमें और सभी का जो जोश था कि ये कुछ तो भी करके हमको मैडल लेकर जाना ही है, वो स्‍टार्टिंग दिन से काफी एनर्जी दे रहा था, entireस्‍क्‍वाड कोand specially courtके अंदर जाने के बाद दस मिनट के बाद मुझे लगा कि आज तो कुछ भी करके जीतना ही है।And I think Semi Final में भी same situationथा, सर। बहुत ज्‍यादा ही प्रेशर था क्‍योंकि मुझे पता था कि अगर हम लोग फाइनल्‍स पहुंच गए तो हम लोग एक गोल्‍डलेकर आ सकते हैं। तो मुझे वो जीतना ही था सर। और entire टीम के लिए सर थैंक्‍यू।Because वो लोग उधर थे स्‍पोर्ट के लिए और बहुत ज्‍यादा ही एनर्जी दिया वो लोग।

प्रधानमंत्री - देखिए प्रणय, मैं देख रहा हूं आप यौद्धा हैं। खेल से भी ज्‍यादा आपके भीतर के अंदर जो एक विक्‍टरी का मिजाज है ना वो सबसे बड़ी तुम्‍हारी ताकत है। और शायद जो तुम शरीर की परवाह किए बिना injury हो जाए, हो जाए, जो भी हो कर दूंगा तो उसी का परिणाम है कि भीतर एक बहुत बड़ी ऊर्जा भी है और जज्‍बा भी है। मेरी तरफ से आपको बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई।

प्रणय - Thank you very much sir

उद्घोषक - उन्‍नति हुडा

प्रधानमंत्री - क्‍या उन्‍नति, सबसे छोटी हैं।

उन्‍नति - गुड इवनिंग सर।

प्रधानमंत्री - बताइए उन्‍नति

उन्‍नति -Sir, first of all because I am part of here and feeling very happy today.और सर मुझे एक चीज बहुतmotivate करती है कि आप कभी भी जो मेडेलिस्‍ट हैं और जो नॉन-मेडेलिस्‍ट हैं उनके बीच मेंdiscrimination नहीं करते।

प्रधानमंत्री - वाह जी वाह ! अच्‍छा इतनी छोटीage में इतनी बड़े सीनियर लोगों की टीम में जाना और तुम्‍हारी टीम में तो ओलम्पिक विजेता भी रहे हैं। तो क्‍या आपको मन को क्‍या लग रहा था। ऐसे ही दब जाती थीं, नहीं-नहीं मैं भी बराबर हूं, क्‍या लग रहा था।

उन्‍नति - सर, इस टूर्नामेंट से बहुत कुछexperience मिला और बहुत कुछ सीखने को भी मिला। औरBoys की टीम जीती और अच्‍छा फील भी हुआ और यूं भी सोचा कि अगली बारGirls की टीम को भी जीतना है और मैडल लाना है।

प्रधानमंत्री - अच्‍छा ये मु्झे बताओ ये हरियाणा की मिट्टी में ऐसा क्‍या है जो एक से बढ़कर एक खिलाड़ी निकल रहे हैं।

उन्‍नति - सर, पहली बात तो दूध-दही का खाना।

प्रधानमंत्री - उन्‍नति, ये मेरा और पूरे देश का विश्‍वास है कि आप अपने नाम को जरूर सार्थक करोगी। इतनी छोटी आयु में तुम्‍हें अवसर मिला है, आप इसकोbeginning मानोगी। बहुत कुछ करना बाकी है। कभी भी, चलो यहां हो आए, ये जीतकर आए, ऐसा मन में कभी विजय को घुसने ही मत देना। बहुत कुछ करना बाकी है क्‍योंकि तुम्‍हें, तुम्‍हारे पास एक लंबा समय तुम्‍हारे पास है। और बहुत छोटी आयु में तुम्‍हें अनुभव मिला है। और इसलिए इस सफलता को पचाना और आगे पहुंचना, ये दोनों चीजें तुम्‍हारे लिए बहुत काम आएंगी। और मुझे पक्‍का विश्‍वास है कि तुम इसे करके रहोगी। मेरी तरफ से तुम्‍हें बहुत शुभकामनाएं हैं। बहुत-बहुत बधाई।

उन्‍नति -Thank You, Sir.

जे जजा -Good Evening Sir.

प्रधानमंत्री - जे जजा

जे जजा -As a young player it's an honour to play for India. The coming years I will make India proud and get more medals for our country.

प्रधानमंत्री - फैमिली स्‍पोर्ट कैसा रहता है।

जे जजा - सर, पापा पहले फिजीकल एजुकेशन टीचर थे तोHe is already in the sport. So he support करेगा अच्‍छा से बेडमिंटन खेलने के लिए, पहले घर पर कोर्ट, he made a court there, thanघर पर खिलाया। इसके बादas a National Tournament Stateवगैरह पर मैडल आया। फिर ऐसाhope हो गया हम आ सकते हैं इंडियन टीम में, ऐसा है।

प्रधानमंत्री - तो आपकी फैमिली में क्‍या सबको संतोष है।

जे जजा - हां सर, बहुत है सर।

प्रधानमंत्री - पिताजी तुम्‍हारे लिए जो मेहनत करते थे, now he is satisfied.

जे जजा - हां।

प्रधानमंत्री - वाह, देखिए जजा, आप लोगों ने जिस तरह उबेर कप में खेला, मैं पक्‍का मानता हूं देश इससे बहुत ही गौरवान्वित है। और आपने, लक्ष्‍य पर बिलकुल आप लोग टिके रहे। ठीक है, आज मनचाहा परिणाम नहीं मिला होगा, लेकिन मुझे पक्‍का विश्‍वास है कि आज जो चाहते हैं वैसा रिजल्‍ट मिलने वाला है और आप ही की टीम को मिलने वाला है। कोई और टीम आएगी तो परिणाम लाएगी, ऐसा नहीं क्‍योंकि आपने एक अच्‍छी शुरूआत की है। आपने देश की युवा पीढ़ी को नए उत्‍साह, नई ऊर्जा से भर दिया है, और ये बीते सात दशक में यानी सवा सौ करोड़ का देश, इतना इंतजार करना पड़ा।

सात दशक में हमारे खिलाड़ियों की न जाने कितनी पीढ़ियां। जिसने भी बैडमिंटन को समझा होगा उसने सपना देखा होगा। वो सपना आपने पूरा किया है, छोटा नहीं कहेंगे इसे। और जब फाइनल मुकाबले में मैंने जजा से बात की थी वहां और मैं महसूस कर रहा था कि आपको अंदाजा ही नहीं है कि आपने कितना बड़ा काम किया है। और इसलिए मैं बार-बार कहता हूं सचमुच में आपने बहुत बड़ा काम किया है। और अब तो आप भी अनुभव करते होंगे कि हां यार, कुछ करके आए हैं।

आप जिन खेलों से जुड़े हुए हैं उसमें जब इतनी बड़ी सफलता मिलती है तब भारत का जोsports काeco systemहै, sports के‍ लिए जोculture में एक नई उत्‍साह की आवश्‍यकता है, जो एक आत्‍मविश्‍वास की आवश्‍यकता है, जो अच्‍छे-अच्‍छे कोच नहीं कर सकते, बड़े-बड़े नेताओं के होनहार भाषण भी नहीं कर सकते, वो काम आपकी इस विजय ने करके दिखाया है।

ये ठीक है उबेर कप में थोड़ा अभी और करना बाकी है, इंतजार करेंगे, लेकिन जीतने का इंतजाम भी करेंगे। और मुझे विश्‍वास है कि इंतजार हमें लंबा नहीं करना पड़ेगा क्‍योंकि जो आप लोग जा करके आए हैं ना आपकी आंखों में मुझे वो जज्‍बा दिख रहा है। और हमारीwomen टीम ने बार-बार ये दिखाया है कि वे कितने अव्‍वल दर्जे के खिलाड़ी हैं, कितने अव्‍वल दर्जे के एथलीट हैं। और मैं ये बिल्‍कुल साफ देख रहा हूं दोस्‍तो, सिर्फ समय की बात है, इस बार नहीं तो अगली बार सही। आप ही लोग विजयी हो करके आने वाले हैं।

और जैसा आप सबने कहा कि आजादी का अमृत महोत्‍सव चल रहा है, आजादी के 75साल हो रहे हैं और अपनी आंखों के सामने खेल की दुनिया में भारत का ये उदय खेल के मैदान से निकला हुआ नौजवान विश्‍व के मंच पर ताकत दिखा रहा है, तो भारत गर्व से भर जाता है। सफलता की उस बुलंदी को छूना हर हिंदुस्‍तानी को गर्व देता है। और इसलिए एक नए आत्‍मविश्‍वास के साथ, भारत का मिजाज है -yes I can do it- ये मिजाज है। और जैसे प्रणय ने बताया था, तो मैंने मन में तय कर लिया था, इस बार तो हारना नहीं, पीछे हटना नहीं है।

ये जो-yes , we can do it जो है न,ये भारत में एक नई ताकत बन चुकी है। और आप उसका प्रतिनिधित्‍व करते रहते हैं। अच्‍छा सामने प्रतिद्वंदी कितना ही ताकतवर हो, competitor हमारा कितना ही ताकतवर हो, वो कौन है, उसका रिकॉर्ड क्‍या है, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण आज के भारत के लिए खुद अपना प्रदर्शन है, मैं ये मानता हूं। हमें कहां पहुंचना है, बस यही जज़्बा लेकर हमें आगे बढ़ते रहना है।

लेकिन साथियो, आप सभी को एक बात और याद रखनी है। अब आप सभी से देश की अपेक्षा स्‍वाभाविक रूप से बढ़ गई है। देश आपकी तरफ जरा ज्‍यादा अपेक्षा से देखेगा, दबाव बढ़ेगा। और दबाव बढ़ना बुरा नहीं है। लेकिन इस दबाव में दब जाना बुरा होता है। हमने दबाव को ऊर्जा में बदलना है, हमारी शक्ति में बदलना है। उसे हमारा प्रोत्‍साहन मानना चाहिए। कोई कहता है बकअप, बकअप, बकअप, मतल‍ब ये नहीं कर रहा है कि तुम पर दबाव डाल रहा है। वो बकअप, बकअप कहता है मतलब कि यार और तेज कर सकते हो तो तुम करो। उसे हमें हमारा एक शक्ति का स्रोत मानना चाहिए। और मुझे विश्‍वास है कि आप इसको करके दिखाओगे।

बीते कुछ सालों में लगभग हर खेल में भारत के युवाओं का श्रेष्‍ठ प्रदर्शन रहा है। और कुछ न कुछ नया, कुछ न कुछ अच्‍छा, कुछ न कुछ ज्‍यादा करने का प्रयास हुआ है। उसमें भी बीते सात-आठ साल में भारत ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। हमारे नौजवानों ने परिणाम दिखाया है। औलंपिक्‍स हो, पैराओलंपिक्‍स हो, रिकॉर्ड प्रदर्शन करने के बाद। आज मैं सुबह डेफ-औलंपिक्‍स के लोगों से मिला। इतना बढ़िया प्रदर्शन करके आए हैं हमारे बच्‍चे। यानी बिल्‍कुल मन को संतोष होता है, आनंद होता है।

आज खेल को लेकर पुरानी धारणाएं भी बदल रही हैं, जैसा आप सबने कहा है। माता-पिता भी हमें प्रोत्‍साहित कर रहे हैं, मदद कर रहे हैं। माता-पिता का भी ambition बन रहा है कि हां, बच्‍चे इस क्षेत्र में आगे बढें। तो एक नया कल्‍चर एक नया वातावरण हमारे यहां बना है और ये भारत के भारत के खेल इतिहास में मैं समझता हूं कि स्वर्णिम अध्याय की तरह है और जिसके रचयिता आप सब हैं, आपकी पीढ़ी के खिलाड़ी हैं जो आज हिंदुस्‍तान को नई-नई जगह पर विजय ध्‍वज ले करके आगे बढ़ने के लिए कारण बने हुए हैं।

इसmomentum को हमें जारी रखना है बस, इसमें जरा भीdullness नहीं आने देनी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी, हर संभव मदद आपके साथ मदद करेगी, प्रोत्साहन की जहां जरूरत होगीकरेगी। बाकी व्‍यवस्‍थाओं की जो-जो आवश्‍यकता होगी वो भी पूरा करेगी। और मैं सिर्फ मेरे सामने आप लोग बैठे हैं, लेकिन मैं देशभर के खिलाड़ियों को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं। अब हमें रुकना नहीं है, अब पीछे मुड़ करके देखना नहीं है। हमने आगे ही देखना है, लक्ष्‍य तय करके जाना है और विजयी हो करके आना है। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!

***

DS/SH/AV/NS/AK



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